हम अक्सर न्यूज़ या फिर समाचार में Weather Forecast के बारे में सुना होगा। जहां मौसम का पूर्वानुमान लगाकर यह जानकारी दी जाती है कि आने वाले समय में मौसम कैसा रहेगा, कहां बारिश होगी और कहां तूफ़ान आएगा। हालांकि मौसम के पूर्वानुमान में अक्सर अनिश्चितता देखी जाती है।
जिसके चलते लोग मौसम विभाग द्वारा लगाए गए मौसम के पूर्वानुमान का मजाक बनाते है। हालांकि पिछले कुछ समय से भारतीय मौसम विभाग के ज्यादातर पूर्वानुमान सही साबित हुए है, जिनमें ओड़िसा-आंध्रप्रदेश का फ़ाइलिन चक्रवात, गुजरात का निलोफर तूफ़ान और तमिलनाडु में आया ओखी चक्रवात शामिल है।
कई लोगों के मन में इस बात को लेकर सवाल भी उठता है कि जब हमारे पास इतनी विकसित टेक्नोलॉजी है फिर भी मौसम का सही-सही अनुमान क्यों नहीं लगाया जाता। हम अपने पिछले आर्टिकल में आपको जानकारी दी थी कि जमीन का Khasra कैसे निकाला जाता है, वहीं आज हम आपको जानकारी देंगे कि Weather Forecast कैसे किया जाता है।

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Weather Forecast क्या है
मौसम का पूर्वानुमान या Weather Forecast में किसी स्थान के वायुमंडलीय दशाओं की भविष्यवाणी की जाती है। मौसम विभाग द्वारा यह पूर्वानुमान किसी स्थान पर वायुमंडलीय अवस्था के वर्तमान आंकड़ो के आधार पर किया जाता है।
बता दे कि इन आंकड़ो का वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण होता है। इसी के आधार पर यह भविष्यवाणी की जाती है कि उस स्थान के वायुमंडल में भविष्य में किस तरह के परिवर्तन हो सकते है। बता दे कि पहले मौसम का पूर्वानुमान बैरोमीटर के माध्यम से किया जाता था।
जहां बैरोमीटर में आने वाले बदलाव जैसे उस समय मौसम की दशा और आकाशीय लक्षणों के आधार पर मौसम की भविष्यवाणी की जाती थी। वतर्मान में मौसम का पूर्वानुमान कंप्यूटर द्वारा प्राप्त आंकड़ो के आधार पर किया जाता है। जरूरी नहीं कि मौसम का पूर्वानुमान हमेशा सही भी हो। यह केवल एक अनुमान होता है। जिसकी पूर्णतः सही होने की संभावना कम ही होती है।

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Weather Forecast करने वाले मौसम विज्ञान का आरंभ
मौसम विज्ञान का आरंभ करीब 650 ई.पू. में हुआ था। उस समय यूनानियों द्वारा बादलों की बनावट का अनुमान लगाया गया था। हालांकि अरस्तू द्वारा 340 ई.पू. में अपने ग्रंथ मीटिरॉलॉजिका” में मौसम की व्याख्या की गई थी। वहीं चीन में भी जनश्रुतियां प्रचलित रही हैं कि मौसम की भविष्यवाणी 300 ई.पू. से की गई थी।
ज्ञात हो कि प्राचीन समय में मौसम पूर्वानुमान की विधियां वायुमंडल में होने वाली विभिन्न घटनाओं के अवलोकन पर आधारित होती थी। जैसे प्राचीन समय में माना जाता था कि यदि सूर्यास्त लाल रंग के साथ में हुआ हो तो, आने वाले दिनों में मौसम बिलकुल साफ़ रहेगा, कें यह अनुमान भी पूरी तरह सही नहीं होते थे।

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आधुनिक मौसम विज्ञान
आपको बता दे कि आधुनिक मौसम विज्ञान का आरंभ सत्रहवीं सदी से माना गया है। इस समय तापमापी और वायुदाब मापी के आविष्कार हो चुका था और वायुमंडलीय गैसों के व्यवहार संबंधी नियमों का प्रतिपादन हो चुका था।
हालांकि मौसम के पूर्वानुमान के आधुनिक युग की शुरुआत 1937 के बाद से मानी जाती है। इस समय टेलीग्राफ का आविष्कार हो गया था। बताते चले कि टेलीग्राफ के अविष्कार के बाद से एक विशाल क्षेत्र में मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए जरूरी सूचनाओं और आंकड़ो को इकट्ठा करना संभव हो सका था।

गौरतलब है कि ब्रिटिश भौतिकविद लेविंस फ्राई रिचर्डसन द्वारा संख्यात्मक मौसम के पूर्वानुमान की संभावना का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन उस समय आंकड़ो की बड़ी मात्रा कि जटिलता को हल करने के लिए उस समय फ़ास्ट कंप्यूटर नहीं होते थे।
ऐसे में संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान का सही विकास 1955 में इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर के अविष्कार के बाद ही हो सका था। वर्तमान में गणित के मॉडलों के साथ में शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर के उपयोग से सटीक मौसम का पूर्वानुमान किया जाता है।
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Weather Forecast करने की प्रक्रिया
मौसम का पूर्वानुमान करने के शुरूआती चरण में मौसम और उससे जुड़े आंकड़ों की सूचनाएं प्राप्त की जाती है।
विश्वभर में इसके लिए दिन में दो बार भूमि की सतह से गुब्बारों को छोड़ा जाता है।
इन गुब्बारों की सहायता से वायुमंडल की विभिन्न ऊचाइयों पर, दाब, आर्द्रता, हवा की गति और तापमान से जुड़े आंकड़ों को प्राप्त किया जाता है। इसी के साथ में उपग्रह प्रौद्योगिकी के माध्यम से भी मौसम का पूर्वानुमान किया जाता है।
उपग्रहों के माध्यम से भी अलग अलग समय में बादलों की स्थिति के आधार पर बादलों और हवा की गति एवंम वायुमंडल की विभिन्न ऊंचाई पर आर्द्रता और तापमान का पता लगाया जाता है। इसके साथ ही डॉप्लर रडार के माध्यम से भी मौसम का पूर्वानुमान किया जाता है। ज्ञात हो कि वर्तमान समय में सभी मौसम पूर्वानुमान कंप्यूटर पर आधारित वायुमंडल के संख्यात्मक मॉडलों द्वारा प्राप्त होते है।

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मध्यम अवधि Weather Forecast
आपको बता दे कि Weather Forecast आने वाले 24 से 48 घंटो के लिए ही होता है। वहीं 48 घंटों से 1 हफ्ते के लिए मौसम के बारे में किया गया पूर्वानुमान मध्य अवधि पूर्वानुमान कहलाता है। सामान्य पूर्वानुमान की तुलना में मध्यम अवधि Weather Forecast काफी कठिन कार्य है।
मध्यम अवधि पूर्वानुमान के लिए आने वाले मौसम को प्रभावित करने वाली गुजर चुकी घटनाओं को सूचीबद्ध किया जाता है। इसके तथा आने वाले 10 दिन में वायुमंडल के व्यवहार की भविष्यवाणी की जाती है। गौरतलब है कि वर्तमान में एन्सेम्बल फोरकास्ट के माध्यम से मौसम का पूर्वानुमान किया जाने लगा है।

उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा तथा आप जान गए होंगे कि Weather Forecast कैसे किया जाता है।
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FAQ
मध्यम अवधि Weather Forecast किसे कहते है?
48 घंटों से 1 हफ्ते के लिए मौसम के बारे में किया गया पूर्वानुमान मध्यम अवधि Weather Forecast कहलाता है।