COVID-19 के इस काल में जहां हर कोई अपनी इम्यूनिटी को लेकर परेशान है, वहीं भारतीय योगशास्त्र द्वारा हार्ड इम्यूनिटी को विकसित करने के लिए कई सारे उपाय बताए गए हैं। इन उपायों में आयुर्वेदिक औषधि, आयुर्वेदिक काड़ा, योग और Pranayama शामिल हैं।
अगर आप भी अपनी इम्यूनिटी को तेजी से विकसित करना चाहते है तो आपको इन बताए गए उपायों को अपनाना होगा। वहीं आज हम अपने आर्टिकल में आपको Pranayama के विषय में जानकारी देंगे।
अक्सर लोगों की यह शिकायत रहती है कि वे प्राणायाम तो करते है लेकिन फिर भी वे बीमार रहते है। ऐसे में हम आपको प्राणायाम करने के सही तरीके और उसके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

Table of Contents
Pranayama क्या है
आपको प्राणायाम कैसे करें इस बारे में जानने से पहले प्राणायाम का अर्थ जानना होगा। आपको बता दे कि प्राणायाम प्राण और आयाम शब्दों से मिलकर बना है। यहां प्राण का अर्थ है जीवन शक्ति या ऊर्जा। वहीं आयाम का अर्थ है विस्तार करना।
ऐसे में प्राणायाम का सही अर्थ होगा प्राण का विस्तार करना। आप देखते होंगे कि हिमालय की कंदराओं में रहने वाले साधु महात्मा इतने स्वास्थ्य और बलशाली क्यों रहते है, जबकि वे भरी ठंड और गर्मी में भी एक स्थान पर बैठे रहते हैं। इसके पीछे प्राणायाम ही प्रमुख वजह है।

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Pranayama के प्रकार
जैसा कि हमने आपको जानकारी दी है कि प्राणायाम का सही अर्थ होता है प्राण का विस्तार करना। लोग अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने के लिए प्राणायाम को विभिन्न तरीकों से करते हैं। ऐसे में आइये टेबल के माध्यम से जानते है प्राणायाम के प्रमुख प्रकार क्या है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम | शीतली प्राणायाम |
उज्जायी प्राणायाम | कपालभाति प्राणायाम |
डिग्र प्राणायाम | भस्त्रिका प्राणायाम |
बाह्य प्राणायाम | भ्रामरी प्राणायाम |
उदित प्राणायाम | अनुलोम-विलोम प्राणायाम |
अग्निसार क्रिया |

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Pranayama के लाभ
प्राणायाम का नियमित अभ्यास तनाव से छुटकारा दिलाने में सहायता करता है। यह अस्थमा और हकलाने से संबंधित विकारों से भी मुक्ति दिलाने में सहायक है। अवसाद का इलाज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्राणायाम के नियमित अभ्यास से स्थिर मन और दृढ़ इच्छा शक्ति प्राप्त होती है।
प्राण शक्ति बढ़ाने वाले प्राणायाम को नियमित रूप से करने पर लंबी उम्र प्राप्त होती है। यह रुकी हुई नाड़ी को खोल देता है, इसके अतिरिक्त यह मन को स्पष्टता और शरीर को सेहत प्रदान करता हैं। प्राणायाम के माध्यम से मन, शरीर और आत्मा में सही तालमेल बनता है। यह आपमें सकारात्मकता को भी बढ़ाने का कार्य करता है।

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Pranayama के नियम
प्राणायाम करने के लिए इसके नियम का पालन भी बेहद जरुरी है। अगर आप प्राणायाम करते हुए इसके नियमों का पालन नहीं करते तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइये जानते है प्राणायाम के नियम-
- प्राणायाम के लिए सही समय का चुनाव करें। आप सुबह खाली पेट प्राणायाम करेंगे तो आपको ताजा हवा मिलेगी जो आपके लिए काफी लाभदायक होती है।
- अगर आप प्राणायाम करने जा रहे है तो स्नान जरुरी करें, क्योंकि स्नान करने के बाद हम अपने आप में ताजा महसूस करते हैं।
- प्राणायाम करते समय सही स्थान का चुनाव भी जरूरी है। आप ऐसी जगह पर प्राणायाम करें जहां हवा और प्रकाश पर्याप्त मात्रा में मिले।
- आपको प्राणायाम करते समय अपने बैठने की अवस्था पर भी ध्यान देना होगा। आप फर्श पर योग मैट या चटाई बिछाकर पद्मासन, सुखासन या वज्रासन जैसे किसी भी आसन में बैठ जाएं।
- प्राणायाम करते समय आप अपनी आंखों को बंद रखे। आप अपनी नाक की नोक पर ध्यान केंद्रित कर अपनी आंखें बंद करेंगे तो ज्यादा फायदेमंद होगा।
- प्राणायाम करते समय आपको कोई जल्दबाजी न करते हुए अपनी मानसिक स्थिति को शांत रखने की आवश्यकता होती है।
- अगर आप प्राणायाम की शुरुआत कर रहे है तो, शुरू में 2 मिनट से अधिक प्राणायाम ना करें। कुछ दिन के अभ्यास के बाद आप धीरे-धीरे अपनी समयावधि को बढ़ा सकते हैं।
- प्राणायाम प्रतिदिन करना ही फायदेमंद है, लेकिन यदि मन विचलित हो या स्वास्थ्य ठीक ना हो तो प्राणायाम करने से बचना चाहिए।

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Pranayama करते समय रखी जाने वाली सावधानी
प्राणायाम वैसे तो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद माना जाता है किन्तु अगर सावधानी नहीं बरती तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है, जैसे-
- अगर आपको प्राणायाम करते समय चक्कर आने लगे, सांस लेने में समस्या हो,तेज पसीना आने लगे या आंखें खोलने पर अंधेरा छाने लगे तो आप तुरंत प्राणायाम बंद कर दे।
- प्राणायाम गर्भवती महिला और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं करना चाहिए।
- सांस से जुड़ी समस्या और अस्थमा के मरीजों को भी प्राणायाम करने से बचना चाहिए।
- कैंसर के मरीजों, ह्रदय रोग से पीड़ितों और अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही प्राणायाम करना चाहिए।
- प्राणायाम किसी योग्य योग गुरु के निरीक्षण में ही करें।

उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा तथा आप जान गए होंगे कि Pranayama कैसे करें।
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FAQ
विश्व योग (Pranayama) दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है।