निमोनिया कैसे होता है, जानिए Pneumonia के कारण, लक्षण और इलाज

मानव का शरीर काफी सेंसिटिव होता है, जो बाहरी जीवाणु या विषाणु के संपर्क में आने से प्रभावित होता है। कई बार ये बाहरी बैक्टीरिया मनुष्य को बीमार भी कर देते है। इन्ही बीमारियों में से एक है Pneumonia।

आपने भी कई बार Pneumonia के बारे में सुना होगा। हो सकता है कि आपके परिवार में कोई कभी इस बिमारी का शिकार भी हुआ हो। लेकिन क्या आपको बता है कि आखरी Pneumonia कैसे होता है तथा Pneumonia होने के कारण, लक्षण और उपचार क्या है।

ऐसे में आज हम अपने आर्टिकल में आपको निमोनिया के लक्षण, उसके कारण और उसके उपचार के विषय में विस्तार से बताएंगे। 

निमोनिया कैसे होता है, जानिए Pneumonia के कारण, लक्षण और इलाज
निमोनिया कैसे होता है, जानिए Pneumonia के कारण, लक्षण और इलाज

Pneumonia क्या है

सबसे पहले तो आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर निमोनिया क्या है। तो आपको बता दे कि Pneumonia एक तरह का इन्फेक्शन होता है।

यह इन्फेक्शन तब होता है जब मनुष्य के लंग्स अर्थात फेफड़ों में एक हवा की थैली बन जाती है तथा इस थेली में मवाद या कोई तरल पदार्थ बन जाता है। जिसके चलते खून में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचता और सांस लेने में परेशानी होती है। 

Pneumonia क्या है
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Pneumonia होने की संभावना किस वर्ग को ज्याद होती है  

जैसा कि हम आपको बता चुके है कि यह एक इन्फेक्शन है, जिसके चलते Pneumonia का शिकार कोई भी हो सकता है। लेकिन इस इन्फेक्शन के होने की संभावना दो साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों में अधिक होती है।

दरअसल इन दोनों ही उम्र में इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। बताते चले कि Pneumonia आपको एक या फिर दोनों फेफड़ों में हो सकता है।

कभी कभी ऐसा भी होता है कि किसी व्यक्ति को निमोनिया हो और उसे पता भी न चले। इस तरह के निमोनिया को मेडिकल टर्म्स में वाकिंग निमोनिया कहा जाता है। इस तरह के निमोनिया का कारण वायरस या फंगस होते है।

अगर किसी को वायरस या फंगस की वजह से निमोनिया होता है तो वह किसी दूसरे व्यक्ति को भी आसानी से संक्रमित  कर सकता है। इसके अतिरिक्त शराब पीने या फिर स्मोकिंग करने से भी निमोनिया होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

Pneumonia होने की संभावना किस वर्ग को ज्याद होती है
Pneumonia होने की संभावना किस वर्ग को ज्याद होती है  

Pneumonia के लक्षण 

आपको बता दे कि निमोनिया के लक्षण आपके स्वास्थ्य और उम्र पर भी निर्भर करते है। कभी कभी Pneumonia के लक्षण कुछ दिन रह रहकर पैदा होते है। आइए जानते है निमोनिया के कुछ लक्षण-

  1. सांस लेते समय सीने में तेज दर्द होना।
  2. कफ आना और सीने में तकलीफ होना।
  3. कफ बलगम या म्यूकस जैसा निकलना।
  4. भूख न लगना।
  5. थकान महसूस होना।
  6. बुखार आना
  7. ठंड लगना
  8. उल्टी आना
  9. पसीना आना
  10. चक्कर आना
  11. पेट खराब होना 
  12. सांस लेने में परेशानी होना।
Pneumonia के लक्षण
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Pneumonia के कारण 

जैसा कि हमने आपको बताया निमोनिया बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण हो सकता है। इसमें जो मुख्य कारण हो वो निम्न है-

  1. कोल्ड वायरस 
  2. फ्लू वायरस
  3. RSV वायरस (1 साल तक के बच्चों में)
  4. स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया 
  5. माइकोप्लाज्मा निमोनिया 
Pneumonia के कारण 

Pneumonia के प्रकार 

हमने आपको अपने आर्टिकल में अब तक बताया कि निमोनिया क्या होता है, कैसे होता है तथा उसके कारण क्या है, अब आपको उसके कुछ प्रकार के बारे में भी जान लेना चाहिए।

आपको बता दे कि कुछ ऐसे मरीज जो वेंटिलेटर  पर होते है तो उनको निमोनिया होने की संभावनाएं ज्यादा होती है, इस तरह का निमोनिया Ventilator-associated निमोनिया कहते है।  अगर कोई मरीज अस्पताल में भर्ती है और वेंटिलेटर पर नहीं है इस तरह के निमोनिया को हॉस्पिटल एक्वायर्ड निमोनिया कहा जाता है।

इसके अतिरिक्त वे लोग जो अस्पताल में भर्ती नहीं होते तथा जिन्हें एक दूसरे के द्वारा फैलाए गए संक्रमण के चलते मलेरिया होता है, इस तरह के निमोनिया को कम्युनिटी एक्वायर्ड निमोनिया कहते है। 

Pneumonia के प्रकार
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Pneumonia का डायग्नोसिस

जब भी निमोनिया का डायग्नोसिस होता है तो डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री पूछता है। साथ ही आपसे कुछ जरूरी जानकारी ली जाती है जैसे आप शराब तो नहीं पीते, धूम्रपान तो नहीं करते, आपके घर, ऑफिस या स्कूल के आसपास कोई बीमार व्यक्ति तो नहीं रहता।

इसके बाद में डॉक्टर आपके लंग्स की जांच स्टेटस स्कोप से करते है। अगर आपको निमोनिया होता है तो आपके सांस लेने पर डॉक्टर को ट्रेकिंग बब्लिंग या रबलिंग जैसी आवाज सुनाई देती है। इसके बाद डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट कराने के लिए बोलता है, जो निम्न है-

  1. बल्ड टेस्ट- बैक्टीरियल इन्फेक्शन चेक करने के लिए होता है।
  2. सीने का एक्सरे- या छाती में इन्फेकशन या फेफड़ो में इन्फेक्शन चेक करने के लिए होता है।
  3. पल्स ऑक्सीमिट्री- यह देखने के लिए कि आपके खून में ऑक्सिजन की मात्रा कितनी है। 
  4. स्पेक्ट्रम टेस्ट- यह देखने के लिए कि आपके फेफड़ो में तरल पदार्थ की मात्रा कितनी हैं।

अगर आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई अन्य प्रकार की समस्या है तो आपको डॉक्टर निम्न टेस्ट करवाने के लिए कहता है।

  1. आर्टिरियल बल्ड गैस टेस्ट- आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा देखने की लिए। 
  2. ब्रोंकोस्कॉपी- ब्लॉकेज को चेक करने के लिए। 
  3. सिटी स्कैन- फेफड़ो की क्लियर तस्वीर के लिए।
  4. इसके साथ ही डॉक्टर द्वारा आपके फेफड़ो के पास जमा हुए तरल पदार्थ से थोडा ले लिक्विड लेकर यह चेक किया जाता है कि आपके फेफड़ो में कौन सा बैक्टीरिया मौजूद है।
Pneumonia का डायग्नोसिस
Pneumonia का डायग्नोसिस

Pneumonia के चलते होने वाली कठिनाइयां 

निमोनिया होने से आपको कई तरह की परेशानी हो सकती है। जिनमें बैटरीमियां, सांस लेने में कठिनाई, फ्लूट बिल्ड अप, लंग्स अब्सेस्स आदि शामिल है। कहां बैटरीमियां में बैक्टीरिया शरीर में पूरी तरह फ़ैल जाता है।

ऐसे में सेप्टिक स्टोक या फिर ऑर्गन फेलियर होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं जानब आपका निमोनिया ठीक हो जाता है तो फेफड़ो की रिकवरी के दौरान आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में आपको सांस लेने वाली मशीन का उपयोग करना पड़ सकता है।

इसके स्थ जो लेयर आपके चेस्ट कैविटी की लाइनिंग और फेफड़ो में फ्लूट बिल्डअप मौजूद होता हैं, लेकिन निमोनिया होने के बाद यह इन्फेक्टेड हो सकता है। इसके साथ साथ आपके लंग्स अब्सेस्स हो सकते है, इस स्थिति में आपके फेफड़ो में या उसके आसपास छोटे पॉकेट के आकार का मवाद बन जाता है। 

Pneumonia के चलते होने वाली कठिनाइयां
Pneumonia के चलते होने वाली कठिनाइयां


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Pneumonia के उपचार 

अगर बात करें निमोनिया के उपचार की तो इसके विषय में आपका डॉक्टर ही आपको जानकारी दे सकता है। यदि आपको बैक्टीरियल निमोनिया होता है तो आपको एंटीबायोटिक्स दवा मिलेगी। आपको इन सभी दवाओं को समय पर लेना होगा।

वहीं अगर आपको वायरल निमोनिया होता है तो आपको आराम करने के लिए कहा जाता है, इसके साथ आपको तरल पदार्थ पीने और बुखार की दवा लेने के लिए कहा जाता है। लेकिन अगर आपके लक्षण गंभीर होते है या आप पहले से किसी अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या से जूझ रहे है तो डॉक्टर आपको अस्पताल में भर्ती कर लेता है।

आपको निमोनिया से जुड़ी एक बात और जान लेना चाहिए कि आपका निमोनिया अगर ठीक भी हो गया तो भी आपको अगले 1 या 2 महीने रिकवर होने में लगेंगे। हो सकता है आपको अगले कुछ महीनों तक थकान भी महसूस हो। ऐसे में आपको अपना पूरा ध्यान रखना है। 

Pneumonia के उपचार
Pneumonia के उपचार 

उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा और आप जान गए होंगे कि निमोनिया कैसे होता है। 


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FAQ

Pneumonia किस वर्ग को ज्यादा प्रभावित करता है?

निमोनिया होने की संभावना दो साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों में अधिक होती है। दरअसल इन दोनों ही उम्र में इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है।

निमोनिया में शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

निमोनिया में मनुष्य के लंग्स अर्थात फेफड़ों में एक हवा की थैली बन जाती है तथा इस थेली में मवाद या कोई तरल पदार्थ बन जाता है। जिसके चलते खून में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचता और सांस लेने में परेशानी होती है। 

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