आपने अक्सर टीवी पर काफी सारे सेनेटरी पैड के एड देखे होंगे, जो लोग वयस्क हो गए है, वे शायद इसके बारे में जानते हो कि ये किस लिए यूज किए जाते है।
अगर आपको इसके बारे में नहीं पता तो हम आपको बताते है कि ये पैड्स महिलाएं अपने MC पीरियड्स में इस्तेमाल करती है।
अब आप में से अधिकतर के मन में यह सवाल उठता होगा कि आखिर MC क्या होता है, तथा इसके लक्षण क्या क्या है तो आज हम अपने आर्टिकल में आपको न केवल MC का फुल फॉर्म बताएंगे, बल्कि इसके लक्षण, इसमें रखी जाने वाली सावधानियों के विषय में भी विस्तार से बताएंगे।

Table of Contents
MC क्या है
अगर आप MC के बारे में जानना चाहते है तो सबसे पहले आपको इसका फुल फॉर्म और हिंदी नाम जानना होगा। बता दे कि MC का फुल फॉर्म होता है Menstrual Cycle। इसको हिंदी भाषा में मासिक धर्म या माहवारी के नाम से जाना जाता है। भारत के हर क्षेत्र में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
लेकिन ज्यादातर लोग इसे MC के नाम से ही जानते है। अगर बात करे मासिक धर्म के बारे में तो यह 14 वर्ष की लड़की से लेकर 45 साल तक कि महिलाओं को होने वाली एक शारीरिक प्रक्रिया है।
वैसे तो यह हर माह सही समय पर होता है, लेकिन कभी कभी किसी कारण से यह कुछ दिन लेट भी हो सकता है।

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मासिक धर्म की प्रकिया
जैसा कि हमने आपकी बताया यह महिलाओं में होने वाली एक शारीरिक प्रक्रिया है। जो कि 14 वर्ष की युवती से 45 वर्ष की महिलाओं में आमतौर पर होती है। लेकिन यह जरुरी नहीं की यह हर युवती में सामान उम्र में शुरू हो और सामान उम्र में ख़त्म हो।
दरअसल MC 8 वर्ष से 17 वर्ष की आयु के दौरान कभी भी शुरू हो सकता है। तथा यह 45 वर्ष से लेकर 50 वर्ष की आयु तक कभी भी ख़त्म हो सकता है। किसी भी युवती के मासिक धर्म (MC) का आना वातावरण, खान पान, रहन-सहन और जीन्स की रचना आदि पर निर्भर करता है।

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MC हर युवती को हर माह आती है, जिसे सामान्य बोलचाल में पीरियड भी कहा जाता है। यह माह में एक बार आती है, जिसमें 28 से 35 दिनो का एक चक्र होता है। MC की सीमा हर युवती या महिला में अलग अलग होती है। जैसे कुछ लड़कियों या महिलाओं को 3 से 5 दिनों का मासिक धर्म होता है।
वहीं कुछ युवती या महिलाओं को 2 से 7 दिनों का मासिक धर्म होता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक MC का चक्र उम्र के अनुसार समाप्त नहीं हो जाता। वैसे MC महिला के गर्भवती होने पर कुछ माह के लिए रूक जाती, किन्तु शिशु के जन्म के कुछ समय बाद यह पुनः शुरू हो जाती है।
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MC कितने चरणों में होती है
हमने आपको ऊपर जानकारी दी की यह हर महिला में यह अलग अलग समय पर होती है। तथा इस चक्र के होने की अवधि भी हर महिला में अलग-अलग होती है। ऐसे में हम आपको सामान्यतः होने वाली MC के चार चरणों के बारे में बता रहे है।
Menstrual Phase– इसमें युवती या महिला के गर्भाशय में टूटे हुए अस्तर रक्त के रूप में योनी से बाहर निकलते है। यह 2 दिन से 3 दिन तक होता है।
Follicular Phase– यह चरण महिलाओं में मासिक धर्म पूरा होने के बाद शुरू होता है। जब महिलाओं में MC का रक्तस्त्राव बंद होता है तब कूप अन्डो को छोड़ने के लिए तैयार होते है। यह सामान्यतः एक कूप अंडो में ही विकसित होता है।
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Ovulatory Phase– यह चक्र मासिक धर्म के करीब 14वें दिन शुरू होता है। इस चरण में अंडे अंडाशय से मुक्त होने लगते हैं। यह फैलोपियन ट्यूब में निर्देशित होता है। फैलोपियन ट्यूब में शुक्राणु ना होने पर इसका निषेचन नहीं हो पाता है तथा वह अंडा 24 घंटो के अन्दर विघटित हो जाता है।
Luteal Phase– जैसा कि हमने पिछले चरण में बताया कूप अंडा फैलोपियन ट्यूब में निर्देशित होता है, लेकिन निर्देशित न होने वाले कूप के अवशेष जो कॉर्पस ल्यूटियम कहलाता है, वे गर्भाशय की आंतरिक परत की और जाता है। यही रक्तस्राव की शुरुआत का कारण बनता है।

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MC के लक्षण
महिला को MC अर्थात मासिक धर्म की प्रक्रिया से गुजरना होता है। हालांकि जो युवती पहली बार मासिक धर्म के चक्र से गुजरती है, उन्हें थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है।
लेकिन जो युवती और महिलाऐं इस चक्र से एक या दो बार गुजर चुकी होती है वे इस तरह की समस्या का सामना नहीं करती। हालांकि MC आने के पहले कुछ लक्षण जरूर महिलाओं को प्राप्त होने लगते है, जिनमें सिर दर्द, पीठ दर्द, पैरो में सूजन, पेट में मरोड़, स्तनों का फुल जाना या ढीलेपन की अनुभूति होना आदि।

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MC में रखरखाव
MC पीरियड के दौरान भी सिर दर्द, पीठ दर्द, पैरो में सूजन, पेट में मरोड़, स्तनों का फुल जाना या ढीलेपन की अनुभूति होना। इसी के साथ कभी कभी अधिक रक्तस्त्राव के चलते कुछ गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो जाती है, जिनमें दबाव आदि की समस्या, थायराइड ग्रंथि की समस्या, गर्भाशय के अस्तर से कुछ निकलना, रक्त के थक्के बनने का रोग हो जाना आदि शामिल है।
ऐसे में आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। साथ है अगर आपको नार्मल रक्तस्त्राव हो तो भी आपको थोड़ा आराम करना चाहिए, पानी ज्यादा पीना चाहिए, अपने पैड को बदलते रहना चाहिए।
उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा तथा आप जान गए होंगे कि MC किसे कहते है तथा इसके लक्षण क्या होते है।
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FAQ
MC का फुल फॉर्म क्या होता है?
MC का फुल फॉर्म होता है Menstrual Cycle। इसको हिंदी भाषा में मासिक धर्म या माहवारी के नाम से जाना जाता है।
MC कितने चरणों में होती है?
MC 4 चरणों में होती है Menstrual Phase, Follicular Phase, Ovulatory Phase, Luteal Phase।