Abortion – वर्तमान में भारत में शादी और शादियों से जुड़े विचारों में बदलाव आया है। आज शादीसुदा जोड़े शादी के कम से कम 2 से 3 सालों तक बच्चों की प्लानिंग नहीं करते।
ऐसे में महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग और Abortion से जुडी जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है। लेकिन अक्सर महिलाओं के मन में गर्भपात (Abortion) को लेकर यह सवाल रहता है कि क्या उसका गर्भपात सफल हुआ है या नहीं।
ऐसे में आज हम आपको अपने आर्टिकल में Abortion के विषय में विस्तार से जानकारी देंगे।

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Abortion क्या है
सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि गर्भपात क्या है। तो आपको बता दे कि जब कोई महिला अनचाहा गर्भ धारण कर लेती है और तो वह उस अविकसित भ्रूण को समय रहते नष्ट कर देती है, यह पूरी प्रक्रिया गर्भपात कहलाती है।
गर्भपात में मुख्यतः दो प्रकार से होते है, जिसमें एक सर्जिकल या मेडिकल गर्भपात होता है तथा दूसरा गर्भपात गोलियों के माध्यम से होता है। इन दोनों ही गर्भपात में मेडिकल गर्भपात को अधिक प्रभावी माना गया है।
जबकि गोलियों के माध्यम से होने वाले गर्भपात में कुछ प्रतिशत चांस ऐसे रहते है कि आपका गर्भपात न हो पाए।

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कैसे होता है Abortion
आपको हमने जैसे बताया कि गर्भपात दो तरीको से होता है पहला मेडिकल अबॉर्शन और दूसरा गोलियों के माध्यम से। जहां मेडिकल अबॉर्शन में महिला की छोटी सी सर्जरी होती है।
इस सर्जरी में भ्रूण को महिला के गर्भ से बाहर निकाल दिया जाता है। इसके अतिरिक्त मेफेप्रिस्टोन और मिसोंप्रोस्टोल गोलियों को मिक्स कर उनके उपयोग से भी गर्भपात कराया जाता है।
लेकिन इसमें गर्भपात की सफलता की 100% गारंटी नहीं होती। अगर कोई महिला 9 सप्ताह की गर्भवती हो तो बताई गई गोलियों का मिश्रण 98% काम करता है। जैसे जैसे दिन बढ़ते जाते है, यह प्रतिशत कम हो जाता है।

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Abortion के सफल होने के लिए चिंता
जब भी कोई महिला गर्भपात के लिए गोलियों का उपयोग करती है, तो उम्मीद की जाती है कि यह काम करें। लेकिन गर्भपात सफल हुआ या नहीं इसके लिए चिंतित होना सामान्य है।
ऐसे में आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा जिससे आपको पता चल जाएगा कि आपका गर्भपात सफल हुआ की नहीं। जैसे अगर आपका गर्भपात सफल हुआ है तो आपको रक्तस्राव और ऐंठन होना जरूरी है। दरअसल रक्तस्त्राव गर्भपात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
जब भ्रूण के फेटल टिसु आपके शरीर को छोड़ देते हैं तो गर्भाशय के सामान आकर में लौटने पर ऐठन जरूर होती है। ऐसे में आप मिसोप्रोस्टोल लेते है कोई दर्द निवारक दवा ले सकते हैं। आप चाहे तो एक हीटिंग पैड का भी उपयोग कर सकते हैं।

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Abortion के लिए मिसोप्रोस्टोल ट्रीटमेंट
गर्भपात के लिए जरूरी है कि आपके मिसोप्रोस्टोल ट्रीटमेंट लेने के 2 से 4 घंटे बाद ब्लीडिंग शुरू होना चाहिए। कभी कभी मिसोप्रोस्टोल लेने के बाद ब्लीडिंग में 24 से 72 घंटे लग सकते है, लेकिन अगर 72 घंटों के बाद में भी ब्लीडिंग न हो तो, समझ जाइए कि आपका गर्भपात नहीं हुआ है।
यह गोलियों के सही तरीके से न लेने के चलते होता है। वहीं गर्भपात के दौरान हो सकता है कि आपको ब्लीडिंग आपकी अवधि से अधिक समय तक हो और साथ ही आपको ब्लीडिंग में बड़े बड़े क्लोट्स दिखे। यह सब एक सफल गर्भपात का हिस्सा है।

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Abortion के समय ध्यान रखने योग्य बाते
आपको Abortion के समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है। गर्भपात के समय आपकी ब्लीडिंग मिसोप्रोस्टोल लेने के 2 से 4 घंटों के बाद शुरू होकर 24 घंटो के अंदर धीमी हो जाती है।
यह आने वाले 4 हफ्तों तक जारी रह सकती है। अगर आपको हर घंटे 2 से 3 पैड लेने पड़ रहे हो तो यह ठीक है, लेकिन अगर हर घंटे 3 पैड से ज्यादा लेने की जरूरत पड़े तो यह खतारनाक हो सकता हैं। ऐसे में आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त भी आपको कुछ असामान्य अनुभव जैसे 24 घंटो से अधिक समय तक बुखार रहना, तेज पेट दर्द, जो दर्द निवारक लेने के बाद भी दूर न होना या योनी से असामान्य स्त्राव आदि हो तो आपको तुरंत अस्पताल जाने की आवश्यकता है।

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Abortion के बाद गर्भपात के लक्षण
अगर आपका गर्भपात सफल होता है तो, भी आप कुछ दिनों तक गर्भावस्था के लक्षण महसूस कर सकती हैं। हालांकि कुछ समय बाद यह लक्षण अपने आप चले जाते है।
इन लक्षणों में मतली, अधिक पेशाब आना और स्तनों में कोमलता आदि शामिल है। इन लक्षणों को जाने में 3 से 4 हफ्ते लग सकते हैं। इसके अतिरिक्त अगर आप गर्भपात के बाद 1 महीने के पहले गर्भावस्था का परीक्षण करती है, तो यह सकारात्मक ही आएगा। ऐसे में आपको घबराने की जरुरत नहीं है।
दरअसल मानव कोरियोनिक गोनोडोट्रोपिन, गर्भावस्था हार्मोन, शरीर को छोड़ने में कुछ समय ले सकता है। ऐसे में आप गर्भपात के 3 से 5 हफ्ते के बाद अपना प्रेगनेंसी टेस्ट करा सकती है। आप गर्भपात की सफलता के परीक्षण के लिए अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी भी करा सकती है।

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Abortion की गोलियां लेने के बाद रखे इन बातो का ध्यान
अगर आप गर्भपात करने के लिए गोलियां लेने के बारे में सोच रही है, तो आपको अपने आपको कम्फर्टेबल रखना होगा। इसके साथ ही गोलियां लेते समय आपके आसपास किसी व्यक्ति का उपलब्ध होना जरूरी है।
आप दर्दनिवारक गोलियों को भी अपने पास रखें ताकि ज्यादा दर्द होने पर आप उनका उपयोग कर सके। इस समय आपको मेडिकल इमरजेंसी के लिए तैयार रहना होगा।
ज्यादा ब्लीडिंग के चलते आपको इस समय कमजोरी भी आ सकती है, ऐसे में आप अनार, चुकंदर जैसे खून बढ़ाने वाले फलों का सेवन भी करें।

उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा तथा आप जान गए होंगे कि कैसे पता करें कि Abortion सफल हुआ है या नहीं।
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FAQ
भारतीय कानून के अनुसार Abortion की अवधि कितनी रखी गई है?
भारतीय कानून के अनुसार Abortion की अवधि 20 हफ्ते तक रखी गई है। कानून के अनुसार मां की जान को खतरा होने पर, रेप के कारण गर्भधारण होने पर, बच्चे के शारीरिक-मानसिक दुर्बल होने पर या गर्भ-निरोधक के काम न करने पर गर्भ को 20 हफ्ते के अंदर ही गिराया जा सकता है।